Fundamental of Computers & Information Technology



Question: 1 कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर की गुण तथा सीमाएं लिखिए।


Answer: 
कम्प्यूटर क्या है:-
कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो अंक गणितीय और तार्किक क्रियाकलापों को संपन्न करता है दूसरे शब्दों में कंप्यूटर को एक ऐसे यंत्र के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसका प्रयोग निर्देशों की एक सूची के अनुरूप डाटा को व्यवस्थित करने में होता है।
आज कंप्यूटर केवल कुछ कार्यों तक ही सीमित नहीं है जैसा कि यह अपने शैशव काल में था पहले के कंप्यूटर एक बड़े कमरे के आकार में होते थे जो आजकल के सैकड़ो पर्सनल कंप्यूटरों के बराबर ऊर्जा का उपयोग करते थे आजकल कंप्यूटर्स ने नाना प्रकार के रूप और आकर कर लिए हैं अब कंप्यूटरों को इतना छोटा बनाया जा सकता है कि उन्हें एक कलाई कड़ी में फिट किया जा सकता है तथा घड़ी की बैटरी से भी चलाया जा सकता है आजकल पर्सनल तथा पोर्टेबल कंप्यूटरों का बहुमूल्य है।

कंप्यूटर के गुण: -
कंप्यूटर की विशेषताएं जिससे यह मानव जीवन को लाभ पहुंच जाता है यही उसका गुण है जो निम्न है-
1. गति (Speed)
कंप्यूटर का सबसे ज्यादा महत्व अपनी तेजी से काम करने की क्षमता के कारण है आजकल लगभग सारे कार्य कंप्यूटर पर इसलिए किए जाते हैं क्योंकि इससे समय की बचत होती है सामान्य कंप्यूटर सेकंड के लाख में हिस्से माइक्रो सेकंड 10 से 6 सेकंड में काम करते हैं आधुनिक कंप्यूटर नैनो सेकंड 10 से 9 सेकंड एक सेकंड 10 से 12 तक में कार्य करते हैं।

2. उच्च संग्रहण क्षमता (High Storage Capacity)
एक कंप्यूटर सिस्टम की डांटा संग्रहण छमता बहुत अधिक होती है कंप्यूटर लाख शब्दों को बहुत कम स्थान हे संग्रह करके रख सकता है यह सभी प्रकार के डांटा चित्र खेल वीडियो तथा आवाज को कई वर्षों तक संग्रह करके रख सकता है।

3. शुद्धता (Accuracy)
सामान्यतः कंप्यूटर अपना कार्य बिना किसी गलती के करता है यदि इस में कभी गलती होती है तो यह मानवीय त्रुटियां हो सकती है कभी मशीन में विभिन्न कारणों से खराबी आने से भी गलत परिणाम आ जाते हैं फिर भी कंप्यूटर 99.9 शुद्धता से गणना करना करता है

4. व्यापक उपयोगिता
प्रारंभ में कंप्यूटर केवल गणना करने का कार्य करता था किंतु इसके सार्वभौमिक उपयोगिता से यह विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग में ले जाने लगा।
जैसे व्यावसायिक, कार्य, मनोरंजन, खेल, शिक्षा, इंटरनेट इत्यादि अब कंप्यूटर का प्रयोग व्यापक हो गया है।

5. स्वचालन (Automation)
कंप्यूटर अपना स्वत कार्य करता है तथा बार-बार उसे मानवीय सहायता की आवश्यकता नहीं होती यह दिए गए निर्देशों का शीघ्रता से पालन करता है और परिणाम प्रस्तुत करता है।

6. कर्मण्ता (Diligence)
आम मानव किसी कार्य को निरंतर कुछ ही घंटे तक करने में थक जाता है इसके ठीक विपरीत कंप्यूटर किसी कार्य को निरंतर कई घंटे दिनों तक महीना तक करने की क्षमता रखता है इसके बावजूद उसके कार्य करने की क्षमता में ना तो कोई कमी आती है और ना ही कार्य के परिणाम की शुद्धता घटती है कंप्यूटर दिए गए कार्य को बिना किसी भेदभाव के करता है चाहे वह कार्य रुचिकर हो या उबाऊ।

7. विश्वसनीयता (Reliability
पहले उल्लेख किया जा चुका है कि कंप्यूटर में ठीक-ठीक स्टोरेज स्वचालन डाटा की यथा स्थिति में पुणे प्रति कर्माता तथा उच्च गति जैसी क्षमताएं विद्यमान है यही क्षमताएं कंप्यूटरों को आज विश्वसनीय बनाते हैं सभी व्यवसाय तथा विविधता के लोग इस पर पूरी तरह से निर्भर है।

कंप्यूटर की सीमाएं (Limitations of Computer)
कंप्यूटर की सीमाएं निम्न है

1. बुद्धिमता की कमी (Lack of Intelligence)
कंप्यूटर एक मशीन है इसका कार्य यूजर के निर्देशों को कार्यान्वित करना है । कंप्यूटर किसी भी स्थिति में ना तो निर्देश से अधिक और ना ही इससे काम का क्रियान्वयन करता है कंप्यूटर एक बिल्कुल मूर्ख नौकर की भांति कार्य करता है इसे आप यदि कहें कि जो और बाजार से सब्जी खरीद लो ऐसा निर्देश देने पर वह बाजार जाकर सब्जी तो खरीदेगा परंतु वापस से लौटकर घर नहीं आएगा क्योंकि हमारे द्वारा दिए गए निर्देश में सब्जी खरीदने के बाद क्या कार्य करना है यह निर्देश में नहीं जिससे वह लौटकर नहीं आएगा इससे यह कह सकते हैं कि कंप्यूटर के अंदर सामान्य बोध नहीं होता है वह अपने से अपने बुद्धि का प्रयोग नहीं कर सकता है।

2. आत्मरक्षा करने में अक्षम (Lack of Intelligence)
कंप्यूटर चाहे कितना ही शक्तिशाली क्यों ना हो परंतु उसका नियंत्रण मानव के पास ही होता है तथा वह जिस प्रकार उसे नियंत्रित करता है वह नियंत्रित होता है कंप्यूटर किसी भी प्रकार से आत्मरक्षा नहीं कर सकता है उदाहरण अर्थ श्याम नमक किसी व्यक्ति ने एक ईमेल अकाउंट बनाया तथा एक विशेष पासवर्ड उसने अपने इस अकाउंट को खोलने के लिए चुना कंप्यूटर अब यह नहीं देखा कि उसे अकाउंट को खोलने वाला श्याम ही है बल्कि यह देखा है कि पासवर्ड क्या है ठीक उसी प्रकार स्वचालित टेलर मशीन से पैसा कौन निकल रहा है इसकी चिंता कंप्यूटर नहीं करता है कंप्यूटर आत्मरक्षा करने में अक्षम होता है।

3. सॉफ्टवेयर की सीमाओं से बंधा हुआ

4. डेटा संरक्षण में सावधानी

5. विद्युत पर निर्भरता

Question 2. कंप्यूटर के पीढ़ियों को समझाइए।

Answer:

कंप्यूटर का इतिहास मानव के बड़ी मात्रा में संख्याओं की गिनने के प्रयासों पर आधारित है इस तरह संख्याओं के गिनने की क्रिया ने कई तरह के संख्यांकान तंत्र का आविष्कार किया जैसे बेबीलेनिया संख्यांकन तंत्र, ग्रीक संख्यांकन तंत्र, रोमन संख्यांकन तंत्र और इंडियन संख्यांकन इन सभी में इंडियन संख्यांकन तंत्र को विश्व द्वारा बनाया गया।

यह आधुनिक दशमलव संख्यांकन पद्धति (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) पर आधारित है कंप्यूटर किस तरह सभी गुना को जो की दशमलव प्रति पर आधारित है कंप्यूटर दशमलव पद्धति को नहीं समझता है और भीम के लिए बाइनरी संख्याकन प्रति का उपयोग करता है कंप्यूटर मशीन के क्षेत्र में विकास के संबंधित कुछ बातें -
कंप्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की इस विकास के क्रम को हम कंप्यूटर के हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पांच पीढ़ियों में बांटते हैं:- 

कंप्यूटर की पीढ़ियां :- 
तकनीक के विकास के साथ कंप्यूटर की कार्य शैली जिसके फल स्वरुप विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर का आविष्कार हुआ इन्हें निम्न पीडिया में बांटा गया है इसे ही कंप्यूटर जेनरेशन कहा जाता है
1. प्रथम पीढ़ी (1940-1956)
सर्वप्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के रूप में वैक्यूम ट्यूब आविष्कार किया गया है यह आज के बल्ब के सामान प्रकाशित होती तथा जिसमें अधिक ऊर्जा निकलती थी और विद्युत की खपत बहुत होती थी यह कंप्यूटर का प्रथम पीढ़ी कहलाता है

2. द्वितीय पीढ़ी (1956-1964)
ट्रांजिस्टर के आविष्कार के बाद वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर इसका प्रयोग किया जाने लगा यह आकार में बहुत छोटे काम ऊर्जा खपत अधिक गणना क्षमता के थे उनके प्रयोग के बाद कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया।

3. तृतीय पीढ़ी (1964-1971)
इंटीग्रेटेड सर्किट या IC तकनीक के विकास के साथ ट्रांजिस्टर को छोटा कर कई सौ ट्रांजिस्टर एक चिप में समाहित करने की क्षमता जिससे बना चिप इंटीग्रेटेड सर्किट इंटीग्रेटेड कहलाता है फलस्वरुप कंप्यूटर का आकार छोटा हो गया तथा इनकी गति माइक्रोसेकंड से नैनोसेकंड में बदल गई । इसे Large Scale Integration भी कहते हैं।

4. चतुर्थ पीढ़ी (1971-1985)
तकनीक के विकास में इंटीग्रेटेड सर्किट को भी एक छोटी चिप में समाहित करने की क्षमता विकसित की जिसे माइक्रोप्रोसेसर कहा गया इसे VLSI नाम दिया गया जिसका पूर्ण रूप Very Large Scale Integration है।

5. पंचम पीढ़ी (1985-अब तक)
इस पीढ़ी में कंप्यूटर में krrish 3 बुद्धिमता का निमेष किया गया है इसे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस भी कहते हैं इस तरह के कंप्यूटर को हम रोबोट कहते हैं जो कि अनेक कार्य को सोता करने में सक्षम होते हैं यह भी विकास के दौर में है punar विकसित होने पर कंप्यूटर भी मनुष्य की तरह कार्य करने और निन्न लेने में सक्षम होंगे।

पीढ़ी                        काल                  तकनीक
प्रथम पीढ़ी            1942 1956        Vaccum Tube
द्वितीय पीढ़ी          1956 1964        Trangister 
तृतीय पीढ़ी            1964 1971     Integrated Circuit 
चतुर्थ पीढ़ी            1971 1985        VLSI
प्रथम पीढ़ी          1985 अब तक   Artificial Intelligence with ULSIC 


Question 3 स्कैनर क्या है? OMR, OCR MICR को समझाइए।
Answer

स्कैनर
यह एक इनपुट इकाई है सामान्यतः इसका उपयोग टेक्स्ट इमेज आदि को इनपुट करने में होता है इसे OCR भी कहते हैं सामान्यतः स्कैनर चित्र फोटोग्राफ आकृति आदि को कंप्यूटर की मेमोरी में डिजिटल अवस्था में इनपुट करते हैं।
यह दो प्रकार के होते हैं
1. फ्लैट बेड स्कैनर
2. हैंड हेल्ड स्कैनर
इसमें कुछ विशेष प्रकार के चिन्हो आदि को भी इनपुट करने की सुविधा प्रदान करता है।

कैरेक्टर रीडर
यह छपे हुए या हस्तलिखित अक्षरों को ग्रहण करने में सक्षम होते हैं यह स्रोत अभिलेख से कैरेक्टर ग्रहण कर उन्हें कंप्यूटर द्वारा ग्रहण किए जाने वाले कोड में परिवर्तित कर संसाधन योग्य बनाते हैं सामान्यतः इनमें निम्न तकनीकी अपनाई जाती है
(i) Magnetic ink character recognition (MICR)
(ii) Optical Character Recognition (OCR)
(iii) Optical Mark Recognition (OMR)
(iv) Bar-Coding
(v) Quick Response Code (QR)

(i) Magnetic ink Character Recognition (MICR)
इस तकनीक से चेक, ड्राफ्ट, स्टांप आदि पर लिखे विशेष कैरेक्टर जिन्हे चुंबकीय स्याही से लिखा जाता है उन्हें पढ़ने का कार्य किया जाता है इससे उनकी सत्यता का जांच होती है इस तकनीक का उपयोग बैंक में अधिकतर होता है।

(ii) Optical Character Recognition (OCR)
इस तकनीक में प्रकाश या लेजर स्कैनर की सहायता से छपे हुए टाइप या हस्तलिखित पत्र तीव्र गति से पढ़े जाते हैं OCR  तकनीक उन संस्थाओं में लाई जाती है जहां बिल अधिक बनाने का कार्य होता है जिसमें मशीन कैरेक्टर को पहचान कर उसे मशीन कोड में परिवर्तित करती है तथा आगे उपयोग के लिए डिस्पक पर  संग्रहीत करता है जिससे डाटा output में उपयोग कर सकते हैं।

(iii) Optical Mark Recognition (OMR)
इस तकनीक का उपयोग मुख्यतः परीक्षा में उत्तर पत्रक जांचने के लिए होता है इसमें विशेष प्रकार से उत्तरों को चिन्हित है किया जाता है जिसे OMR की सहायता से पढ़ा जाता है।

Ques.4 प्रिंट क्या है? Dot Matrix a laser printer को समझाइए।


Ans. प्रिंटर printers-
प्रिंटर आउटपुट डिवाइस के लिए उपयोग किया जाता है। प्रिंटर आउटपुट की हार्ड कॉपी देता है जो बाद के रेफरेंस के लिए स्टोर की जा सकती है। यहां बाजार में कई प्रकार के प्रिंटर उपलब्ध है। यहां तीन श्रे्णियों में रखा जाता है -
1. करैक्टर प्रिंटर 
2. पेज प्रिंटर 
3. लाइन प्रिंटर

1) करैक्टर प्रिंटर-
इस प्रकार के प्रिंटर एक बार में एक अक्षर प्रिंट करते हैं सामान्यत: उपयोग में आने वाले डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix printer), डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel printer), इंक - जेट प्रिंटर (Inkject printer) इस श्रेणी के प्रिंटर हैं।

2) पेज प्रिंटर -
इस प्रकार के प्रिंटर में लेजर व तकनीक उपयोग में लाई जाती है यह संम्पूर्ण पेज एक साथ प्रिंट करते हैं।

3) लाइन प्रिंटर-
इस प्रकार के प्रिंटर में सूचना की संम्पूर्ण पंक्ति एक बार में प्रिंट होती है इसकी गति को लाइन प्रति मिनट में मापा जाता है चेन प्रिंटर तथा डूम प्रिंटर इसके उदाहरण है।

तकनीक के आधार पर प्रिंटर को दो श्रे्णियों में रखा जाता है
1) इंपैक्ट प्रिंटर (Inpect printer)
2) नॉन - इंपैक्ट प्रिंटर (non - Inpect printer)

1) impect printer - ये सामानत: रूप में टाईप - राइटर की तरह कार्य करते हैं इनमें (hommer) का उपयोग होता है या दबाव बनाकर अक्षरों को छपाई कागज पर करते हैं। जैसे - Dot Matrix printer.

Dot Matrix printer - 
यह एक इंपैक्ट प्रिंटर है या प्रिंटर बिंदुओं के रूप में अक्षरों को कागज में प्रिंट करता है इसका उपयोग कार्यालयों में अधिक होता है इसमें अक्षरों  का आकार छोटा - बड़ा किया जा सकता है यह दोनों दिशाओं में प्रिंट करता है इसमें एक से अधिक भाषा में प्रिंट कर सकते हैं।

2) Non - Inpect printer -
इस प्रकार के प्रिंटर स्याही की सहायता से कागज पर लिखते हैं यह अच्छी गुणवत्ता से कागज पर लिखते हैं ये अच्छी गुणवत्ता का प्रिंट उपलब्ध करते हैं। जैसे - लेजर प्रिंटर आदि।

Laser printer - यह Non - Inpect printer है। इस प्रिंटर का आविष्कार जेरोक्स कम्पनी ने 1969 में किया था यह प्रिंटर उच्च गुणवत्ता की प्रिंटिंग उपलब्ध करता है इसमें लेजर किरणों की सहायता से एक बेलनाकार ड्रम पर ग्राफिक्स का काम में भी इसका उपयोग किया जाता था उसके बाद कागज को प्रिंटर में उपलब्ध हीटर से गुजारा जाता है जिससे छवि स्थायी हो जाती है वर्तमान में रंगीन लेजर प्रिंटर भी उपलब्ध है इनकी प्रिंट क्वालिटी 300 dpi से 2400 dpi तक होती है यह 15 से 70 पेज प्रति मिनट प्रिंट कर सकते हैं वर्तमान में लगभग सभी जगह पर इन्हीं प्रिंटर का प्रयोग किया जाने लगा है।

Question.5 सॉफ्टवेयर क्या है ? सॉफ्टवेयर के विभिन्न प्रकारों को समझाइए।


Answer. सॉफ्टवेयर -
कंप्यूटर सिस्टम का प्रमुख आधार हार्डवेयर , सॉफ्टवेयर है। 
हार्डवेयर का अर्थ वह भौतिक जिसे देख सकते हैं या छू सकते हैं जैसे - की-बोर्ड , CPU, Mouse इत्यादि।
इसके पश्चात् इसे कंप्यूटर प्रोग्राम जो इन हार्डवेयर को संचालक होते हैं या जिनकी सहायता से कंप्यूटर पर विशेष कार्य कर सकते हैं वे सॉफ्टवेयर कहलाते हैं बिना सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर नहीं है।

सॉफ्टवेयर के प्रकार
Computer system software system को तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित करता है।

1) System Software - Computer, Hardware तथा Computer system को संचालित करता है। इसमें operating system डिवाइस,  ड्राइवस, डाइ - ग्नोस्टिक, Tool, सर्वर्स , यूटिलिटील आदि शामिल है।

2) Programming Software - साधारणतः किसी प्रोग्रामर को विभिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस को अधिक सुविधा पूर्वक तरीके से उपयोग करते हुए कंप्यूटर प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर को लिखने हेतु Tools उपलब्ध  करता है।

3) Application Software - Application Software द्वारा user एक या एक से अधिक विशिष्ट कार्यों को पूरा कर सकता है। सामान्य Application में व्यापारिक software,शौक्षित software , medical software , डेटाबेस तथा computer games  शामिल है।  इसका प्रयोग सभी प्रकार के कार्यों के स्वचालन हेतु किया जाता है।

System Software - संपेक्ष में सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का एक समूह है जो कंप्यूटर सिस्टम में हार्डवेयर का संगठन , उपयोग तथा नियंत्रण करता है।  कुछ सिस्टम सॉफ्टवेयर निम्न है -

(i) operating System - ऐसा पहला सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर के स्टार्ट होने के बाद लोड होता है। हमारे कंप्यूटर सिस्टम के बूटिंग के लिए यहां एक आयात सॉफ्टवेयर है ।
यहां बूटिंग के अलावा दूसरे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और यूटिलिटी सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर पर चलाने के लिए भी होता है।

Programming Software
(ii) Compiler Interpreter and Assembler -
सोर्स कोड के निर्माण के बाद प्रोग्राम को सोर्स कोड को execute करने से पहले मशीन कोड में परिवर्तित करने की होती है मशीन कोड 0 तथा 1 की एक सीरीज होती है। सोर्स कोड को परिवर्तित करने की यह कार्य दो तरह के प्रोग्राम की सहायता से होती है। यह programming software के उदाहरण है । इसमें और भी विभिन्न प्रकार के  softwareउपलब्ध हैं।

Application Software - system software के बाद software का सबसे महत्वपूर्ण वर्ण application software वर्ण है इसके अंदर वे सब सॉफ्टवेयर आते हैं जिस पर सामान्य उपयोगकर्ता कार्य करता है। Application software, computer software का एक वर्ग है जो यूजर द्वारा इच्छित काम के लिए प्रत्यक्ष रूप से कंप्यूटर की क्षमता को नियोजित करता है।
 उदाहरण -
 Paint brush ,  मीडिया प्लेयर इत्यादि है । User द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर भी application software ही कहलाते हैं।

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